and no reason to believe that you wish to receive them...
I write them only for myself..
and thus I will hide them away, with all the things unsaid and undone between us...
जो लहरों से आगे नज़र देख पाती तोह तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूँ ,
वो आवाज़ तुमको भी जो भेद जाती तोह तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूँ |
जिद का तुम्हारे जो पर्दा सरकता ,खिडकियों से आगे भी तुम देख पाते ,
आँखों से आदतों की जो पलकें हटाते तोह तुम जान लेते मैं क्या सोचता हूँ |
मेरी तरह होता अगर खुद पर ज़रा भरोसा तोह कुछ दूर तुम भी साथ -साथ आते ,
रंग मेरी आँखों का बाँटते ज़रा सा ,तोह कुछ दूर तुम भी साथ - साथ आते ,
नशा आसमान का जो चूमता तुम्हे , हसरतें तुम्हारी नया जन्म पातीं ,
खुद दुसरे जनम में मेरी उड़ान छूने कुछ दूर तुम भी साथ - साथ आते |